
उत्तर प्रदेश में लोकसभा चुनाव में भारतीय जनता पार्टी को शिकस्त देने की खातिर गठबंधन करने वाली समाजवादी पार्टी व बहुजन समाज पार्टी के घोटाले का जिन्न बाहर आ रहा है। लखनऊ में अखिलेश यादव सरकार कार्यकाल के रिवर फ्रंट घोटाले की ईडी जांच के बाद अब मायावती के कार्यकाल के दौरान स्मारक घोटाले पर शीर्ष अदालत सख्त है। सुप्रीम कोर्ट ने मायावती के कार्यकाल में हाथी की मूर्तियों पर खर्च धनराशि सरकारी खजाने में जमा कराने का निर्देश दिया है। इस मामले में अगली सुनवाई अगस्त में होगी।
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उच्चतम न्यायालय ने शुक्रवार को कहा कि उसके संभावित विचार में लखनऊ और नोएडा में अपनी तथा बसपा के चुनाव चिह्न हाथी की मूर्तियां बनवाने पर खर्च किया गया सारा सरकारी धन मायावती को लौटाना होगा। न्यायालय एक वकील की ओर से दायर याचिका पर सुनवाई कर रहा था जिसमें कहा गया था कि सार्वजनिक धन का प्रयोग अपनी मूर्तियां बनवाने और राजनीतिक दल का प्रचार करने के लिए नहीं किया जा सकता।
